tag:blogger.com,1999:blog-7053492822811686484.post8542019447519509364..comments2023-06-21T14:20:12.120+05:30Comments on BAAS VOICE-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान की आवाज़: बकरीद पर बेजुबानों की सामूहिक हत्या!डॉ. पुरुषोत्तम लाल मीणाhttp://www.blogger.com/profile/15100263987556468191noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7053492822811686484.post-54173055613605075362010-12-03T17:42:14.364+05:302010-12-03T17:42:14.364+05:30निरंकुश जी
नमस्कार !
इतना गंभीर विषय … ...<b><i>निरंकुश जी </i></b> <br /> नमस्कार !<br />इतना गंभीर विषय … और यह पोस्ट आप लोगों तक पहुंचा भी नहीं पाए …?<br /><b> </b>आपके इन विचारों से मैं शत प्रतिशत सहमति रखता हूं । <b> </b><br /> … और , शाकाहार के प्रति समूचे ब्लॉगजगत में बहुत समर्पण और सहमति के साथ जागरुकता का वातावरण है । <br /><br /> <b> </b> <b> </b> <br />शुभकामनाओं सहित<br />- राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7053492822811686484.post-91616887625579965602010-11-14T16:47:20.632+05:302010-11-14T16:47:20.632+05:30“कबीरा तेरी झोंपड़ी गल कटवे के पास
करेगा सो भरेगा ...“कबीरा तेरी झोंपड़ी गल कटवे के पास <br />करेगा सो भरेगा तू क्यों भया उदास !” आपके लिखने से यदि मन हल्का होता है तो अच्छी बात है. वैसे वैज्ञानिक दृष्टि से अगर देखा जाये तो एक बकरे का मांस तैयार होने पर इतनी वनस्पति नष्ट होती है जिससे कई सौ लोगों की भूख मिटाई जा सकती है. अतः सब लोगों के शाकाहार लेने से किसी प्रकार की भुखमरी की आशंका नहीं है. अश्विनी रॉयअश्विनी कुमार रॉय Ashwani Kumar Royhttps://www.blogger.com/profile/01550476515930953270noreply@blogger.com